प्रतीत्यसमुत्पाद को गौतम बुद्ध की शिक्षाओं का सार कहा जाता है। समाज में वर्ण व्यवस्था कर्म पर आधारित थी। ऋग्वेद के दसवें मण्डल के ‘पुरुष सूक्त’ में चार वर्णो; ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र, का उल्लेख है। जैसे ही आपका वीडियो अपलोड हो जाता है उसे दिन के समय में अपलोड https://johnnyxbirl.eveowiki.com/1696157/the_भ_रत_म_न_बर_1_प_स_कम_न_व_ल_ऐप_क_न_स_ह_diaries