ऋणदारिद्रयदुःखेन शत्रूणां च भयात्ततः॥११॥ धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥२॥ हर महीने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। अलग-अलग दिन पड़ने वाले प्रदोष की महिमा अलग-अलग होती है। सोमवार का प्रदोष, मंगलवार को आने वाला प्रदोष और अन्य वार को आने वाला प्रदोष सभी का https://free-kundli24319.bloguetechno.com/everything-about-karj-mukti-upay-70701335