तुरत षडानन आप पठायउ । लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥ मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥ सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥ साधु संत के तुम रखवारे।। असुर निकन्दन राम दुलारे।। जुग सहस्र जोजन https://lyrics-of-shiv-chalisa-in97373.muzwiki.com/7137206/5_essential_elements_for_shiv_chalisa_lyrics_in_gujarati_pdf